राहुल का भारतीय राजनीति के सबसे ख्यात और शक्तिशाली परिवार से आते हैं, उनकी पार्टी कांग्रेस भी देश की आज तक नंबर एक राजनीतिक पार्टी है। अगर लोगों के बीच जाना, उनसे जुड़ना, उन्हें समझना और लोक संवाद के जरिए लगातार संघर्ष के लिए तत्पर बने रहना राजनीति की कम से कम वह सीख तो नहीं ही है जिसमें एक तरफ जहां प्याली में क्रांति उबलती है, वहीं दूसरी तरफ लाल बत्ती से नेतृत्व का कद तय होता है। राहुल को लेकर एक राय यह भी है कि धैर्य और सरलता की राह उनकी नीति से ज्यादा रणनीति है। एक ऐसी रणनीति जो उनकी भविष्य में होने वाली ताजपोशी के लिए बनाई गई है। अगर यह बात सही है तो यह जनता के साथ एक और विश्वासघात होगा और लोकतंत्र में लोक की आस्था और भरोसे से खिलवाड़ का खामियाजा बहुत बड़ा है। राहुल को यह भी अभी से समझ लेना होगा... गुरुवार, 5 मई 2011
अमूल बेबी की आरटीआई : जागरण में ‘पूरबिया’
राहुल का भारतीय राजनीति के सबसे ख्यात और शक्तिशाली परिवार से आते हैं, उनकी पार्टी कांग्रेस भी देश की आज तक नंबर एक राजनीतिक पार्टी है। अगर लोगों के बीच जाना, उनसे जुड़ना, उन्हें समझना और लोक संवाद के जरिए लगातार संघर्ष के लिए तत्पर बने रहना राजनीति की कम से कम वह सीख तो नहीं ही है जिसमें एक तरफ जहां प्याली में क्रांति उबलती है, वहीं दूसरी तरफ लाल बत्ती से नेतृत्व का कद तय होता है। राहुल को लेकर एक राय यह भी है कि धैर्य और सरलता की राह उनकी नीति से ज्यादा रणनीति है। एक ऐसी रणनीति जो उनकी भविष्य में होने वाली ताजपोशी के लिए बनाई गई है। अगर यह बात सही है तो यह जनता के साथ एक और विश्वासघात होगा और लोकतंत्र में लोक की आस्था और भरोसे से खिलवाड़ का खामियाजा बहुत बड़ा है। राहुल को यह भी अभी से समझ लेना होगा...
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