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बुधवार, 20 जनवरी 2016

तू जो मुड़के देख लेगा, 'मेरा साया’ साथ होगा...

क्रिसमस के दिन जब ज्यादातर सरकारी और निजी दफ्तर बंद रहते हैं और लोगबाग मोबाइल फोन के जरिए एक दूसरे को बधाइयां दे रहे होते हैं, मशहूर अभिनेत्री साधना के निधन की खबर ने सबको दुखी कर दिया। वैसे खान तिकड़ी के दौर में नई पीढ़ी के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि वह एक ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने अदा और अभिनय दोनों को एक साथ साधा। उनकी हेयर स्टाइल को आज भी लोग 'साधना कट’ के नाम से जानते हैं। उनके बाद शायद ही किसी भारतीयअभिनेत्री को यह फL हासिल हो कि उनकी शिनाख्त इस तरह से तय हो। साधना ने 'आरजू’, 'मेरे मेहबूब’, 'लव इन शिमला’, 'मेरा साया’, 'वक्त’, 'आप आए बहार आई’, 'वो कौन थी’, 'राजकुमार’, 'असली नकली’, 'हम दोनों’ जैसी मशहूर फिल्मों में काम किया था। हिंदी फिल्मों का यह वह दौर था जब फिल्मी परदे पर एक तरफ हीरो के साथ हीरोइन की शोखी प्रेम को नया रूपहला अंदाज दे रहा था तो वहीं लता और आशा की आवाज नायिका के हृदय के तारों पर मधुर कविताई कर रही थी। वहीदा रहमान, वैजयंतीमाला और आशा पारेख जैसी अभिनेत्रियों की पांत को साधना अकेली छोड़कर चली गईं। उनके साथ के बाकी की अभिनेत्रियों ने अपनी फिल्मी या सार्वजनिक उपस्थिति को कहीं न कहीं बाद में भी बरकरार रखा। पर इस मामले में साधना थोड़ी जुदा थीं। इस बाबत उन्होंने कहा भी कि वे नहीं चाहतीं कि लोग परदे पर नाचने-गाने और तरह-तरह की शोखियां बिखेरने वाली साधना से इतर किसी साधना को याद रखें। यह उनका खुद के प्रति एक सम्मोहन जैसा खयाल था। अभिनेताओं में यही खयाल कहीं न कहीं देवआनंद का भी खुद को लेकर था। 74 वर्षीय साधना कुछ दिनों से बीमार थीं। यही नहीं उनके बीते कुछ सालों की जिंदगी में कई और परेशानियां भी रहीं। अभिनेत्री आशा पारेख के मुताबिक, 'पिछले हफ्ते ही हम मिले थे और हमारी पार्टियां होती थीं, जिनमें हम बीते जमाने की एक्ट्रेसेज- हेलेन, वहीदा रहमान, शम्मी आंटी और कई लोग मिलते थे। उनकी तबीयत पहले से खराब थी और पांच-छह कोर्ट केस भी चल रहे थे, जिनके चलते वह परेशान थीं। पर उन्होंने कभी अपना दुख हमसे साझा नहीं किया।’आशा पारेख जिन केसेज की बात कर रही हैं, उसमें एक तो उनके रिहाइश को लेकर ही था। पर यह साधना ही थीं तो बदलते वक्त में भी खुद के प्रति अपने सम्मोहन की हिफाजत इस तरह करती रहीं कि दुनिया के सामने अपने लिए कभी कोई फरियाद नहीं की। जाहिर है, निजी जिंदगी के संघर्ष में वे खुद को लगातार मजबूत करती चली गईं। फिल्मकार करण जौहर ने इसलिए कहा भी,'सौंदर्य, आत्मविश्वास और आकर्षण की आपकी विरासत अमर रहेगी।’ पिछले साल मुंह के कैंसर की वजह से उनकी सर्जरी हुई थी। पर उनके परिजनों ने इस बात की कभी पुष्टि नहीं की। शायद ऐसा साधना की हिदायत के कारण ही हुआ था। हालांकि पिछले साल ही जब वह अभिनेता रणबीर कपूर के साथ रैंप पर भी दिखीं तो खुले तौर पर पहली बार लोगों को अपनी चहेती अभिनेत्री के आज का दीदार हुआ। साधना भारतीय मध्यवर्गीय परिवार की बेटियों के उस सफरनामे की तरह भी है जो पहले श्याम-श्वेत था और बाद में रंगीन होता चला गया। इस रंगीनी को लोग आज एचडी स्क्रीन पर निहारते हैं। ऐसे में एक नरम आह तो जरूर निकलेगी उस कशिश के खोने को लेकर जिसे साधना और उन सरीखी अन्य अभिनेत्रियों के कारण हिंदी सिने परदे पर दशकों तक कायम रही।