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सोमवार, 15 नवंबर 2010

नामर्दों के लिए कोई जगह नहीं


(1)
याद आता है
अभिनेता महान का हिट संवाद
मर्द को दर्द नहीं होता जनाब
गूंजती है आवाज
सनसनाहट से भरी एमएमएस क्लिप में
बांग्ला की कुलीन अभिनय परंपरा की बेटी की
आई वांट ए परफेक्ट गाइ  
और फिर उतरने लगते हैं पर्दे पर
एक के बाद एक दृश्य
शालिनी ने लकवाग्रस्त पति को
दिया त्याग रातोंरात
अधेड़ मंत्री के यहां पड़े छापे में मिली
पौरुष शास्त्र की मोटी किताब
वियाग्रे की गोलियां
मुस्टंड मर्दानगी के लिए ख्यात
हकीम लुकमान के लिखे अचूक नुस्खे
मिस वाडिया ने अपनी आत्मकथा में
उड़ाया इंच दर इंच मजाक
अपने सहकर्मी की गोपनीय अंगुली का

(2)
नामर्दों के लिए कोई जगह नहीं
उन्हें नहीं मिलेगी तोशक न मिलेगी रजाई
न वे झूल सकेंगे झूला न बना सकेंगे रंगोली
और न खेल सकेंगे होली
अवैध मोहल्लों के किसी गली-कूचे या मैदान में
 ऊंची एड़ी पर खड़ी दुनिया
 नहीं देखना चाहती किसी नामर्द की शक्ल
अपनी किसी संतान में

(3)
मर्द न होना किसी मर्द के लिए
बिल्कुल वैसा ही नहीं है
जैसा किसी औरत का न होना औरत
स्त्री-पुरष का लिंग भेद मेडिकल रिपोर्ट नहीं
बीसमबीस क्रिकेट का स्कोर बोर्ड
करता है जाहिर
पुरुष इस खेल को सबसे तेज और
जोरदार खेलकर ही साबित हो सकते हैं जवां मर्द
और तभी मछली की तरह उतरेगी
उसके कमरे में कैद तलाब में कोई औरत

(4)
मर्दाना पगड़ी की कलगी खिलती रहे
अब ये चाहत नहीं चुनौती है पुरुषों के आगे
उसे हर समय दिखना होगा
सख्त और मुस्तैद
नहीं तो सुनना पड़ सकता है ताना
वंशी बजाते हुए नाभी में उतर जाने वाले कन्हाई
कहीं पीछे छूट गए
औरतों ने देना शुरू कर दिया है
पुरुष को पौरुष से भरपूर होने की सजा
जिस औजार से गढ़ी जाती थीं  
अब तक मन माफिक मूर्तियां
अब उनका इस्तेमाल मिस्त्री नहीं
बल्कि करने लगे हैं बुत
मैदान वही
बस  योद्धाओं के बदल गए हैं पाले
मर्दाना तर्क जनाना हाथों में
ज्यादा कारगर और उत्तेजक रणनीति है
जैसे को तैसा...
जनाना न्याय का उध्बोधन गीत है

1 टिप्पणी:

  1. वाह.. वाह... आपकी ये कविता काफी सुन्दर है . आप बोल्ड विषय पर काफी कुछ पहले भी लिख चुके हैं. अवैध प्रेम , डेस्क पर दुष्कर्म, क्लिंटन पीढ़ी का मर्द. इन सब उन बातो को अपने विश्लेषित किया है जो लोग जानते तो हैं पर उनकी गहराई में नहीं जा पाते हैं. आप उन बारीकियों को समझते हैं. नामर्दों के लिए कोई जगह नहीं.. ये कविता भी आपको कुछ सोचने को विवश करती है. आखिर नामरद कहा किसे जाता है? सही अर्थो में उसकी परिभाषा क्या है. पौरुष या मर्दानगी .क्या इन बातो में छिपी है की आप कितने हॉट हैं. रपिस्ट तो फिर नामर्द नहीं है. हालही में एक टीवी रिअलिटी SHOW राखी का इंसाफ में उसने किसी को नामर्द कह दिया था और उसने आत्महत्या कर लिया . एक्साक्ट्ली सच क्या है ये तो पता नहीं है. पर अगर वो नामर्द है तो राखी काफी बोल्ड है . सवाल ये भी उठता है राखी को कैसे पता चला की वो नामर्द है. वो तो उसके साथ रही भी नहीं है ये अलग बात है की उसे काफी मर्दों की मर्दानगी का एहसास है......

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