LATEST:


सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

वो झूठ बोलेगा और लाजवाब कर देगा



शादी के बाद पति-पत्नी के रिश्ते में कितनी पारदर्शिता रहे, इसका अब व्यावहारिक रास्ता निकाल लिया गया है। रेडियो-टीवी पर बैठे लव गुरुओं और मैरिटल काउंसलरों की भी सलाह ऐसी ही है। साफ तौर पर हिदायत दी जा रही है कि जो कहने-बताने से रिश्ते पर आंच न आए, वही सही है। पर यहां भी एक पेच है। शेखी की तरह सचाई बघारने वाले ज्यादातर पुरुषों को अपने पिछले रिलेशन और अफेयर के बावजूद अपनी पत्नियों से परेशानी का खतरा न के बराबर होता है। इसके उलट महिलाओं को यह हिदायत दी जाती है कि पुरुष ऐसे ही होते हैं, यहां-वहां और जब-तब मुंह मारने वाले। सो उसके किए पर अफसोस क्यों? चाहे जैसे हो बचा लो रिश्ता और इस तरह पेश आओ कि तुम्हारा पति तुम्हारे काबू में रहे, बहके नहीं। और अगर बहके भी तो लौट के बुद्धु घर को आए की तरह।
रजनी एक अध्यापिका है और उसका पति इंश्योरेंस एजेंट। रजनी ने टीवी पर आने वाले  मैरिटल काउंसिलिंग के कार्यक्रम में बैठे विशेषज्ञों के आगे अपनी परेशानी रखी। उसकी शादी उसके साथ पढ़ने वाले लड़के से होनी थी। दोनों के बीच तकरीबन चार-पांच साल नजदीकी ताल्लुकात रहे। अफेयर भी कह सकते हैं। पर जब शादी की बात चली तो लड़के के घर वाले नहीं माने। रजनी आज अपने शादीशुदा जीवन के आगे सब कुछ भूल चुकी है। उसकी एक बेटी स्कूल जाती है। पर उसका पति आज भी उसे अपने प्रति पूरी तरह वफादार नहीं मानता। उसे इस बात पर आए दिन पति से प्रताड़ित होना पड़ता है। दरअसल, रजनी ने एक ही गलती कि उसने अपने जीवनसाथी को शादी के कुछ ही दिनों बाद सब कुछ बता दिया। छह साल पहले कहा सच आज भी उसकी शादीशुदा  जिंदगी को ग्रास रहा है। रजनी जैसी युवतियों से हमदर्दी रखने वाले भी यही कहते हैं कि पति के साथ सब कुछ शेयर करना जरूरी नहीं है। पुरुषों के लिए तो बदचलनी की गाली भी गिनती के ही हैं, पर महिलाओं की बोलती बंद करने के लिए उन्हें बदचलन ठहराना घर से बाहर कया घर के अंदर भी सबसे आसान औजार है।
हाल में स्वयंवर सीजन में लोगों ने राहुल महाजन की शादी का रियल ड्रामा टीवी पर देखा। राहुल के लिए शादी का यह पहला मौका नहीं था। और लड़कियों से अफेयर के मामले में तो वह और भी पहुंचा हुआ रहा है। पर उससे शादी का ख्वाब सजाने वाली किसी भी लड़की को इस बात से शिकायत नहीं थी। इस मुद्दे पर कोई चर्चा भी नहीं हुई। आप सोचकर देखें, राहुल का सच किसी लड़की का होता तो क्या होता? अव्वल तो उसे इस टीवी शो का हिस्सा ही नहीं बनाया जाता। अगर बनाया भी जाता तो वरमाला कम से कम उसके गले में तो राहुल नहीं डालता। यह एक तरफ तो नए दौर का टीआरपी मार्का मनोरंजन का सच है तो दूसरी ओर यह रियलिटी उस पुरुष मानसिकता की भी है जिसे अपने उपर कभी कोई खरोंच बर्दाश्त नहीं भले खुद उसके नाखून बढ़ते रहें। 

1 टिप्पणी: