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सोमवार, 27 सितंबर 2010

श्रीफल में सोडा


सीसे का परदा
बाजार का मंच
नजरबंदी का खेल
बासी चेहरे लाचार
कतारबद्ध
ताजे फरार
अंतिम नियति
चौसठवें खाने शतरंजी हार

चेहरे गिरफ्तार
नजरबंद
मुखौटे आजाद
अपने और बाप के पोस्टर के साथ
मिलने की सलाह
शाम चार से सात
मंडी हाउस के पास

हरेक की कहानी
फर्दबयानी
रिकार्डेड अप-टू-डेट
आप और आपका शहर
वॉल्यूम नंबर आठ पर
और हम यहीं
शॉट नंबर एक सौ बीस
एलबमी मुस्कान के साथ
अपने भदेसी वंशजों के बीच

अचानक एक चीख
पागल प्रलाप
इन सबके बाद
फिर भी शेष
उसकी दुविधा
उसकी बात
जन्मजात

उत्तर आधुनिक खोज
ग्लोबीय इहलोक
बैलुनी परलोक
नयी परंपरा पीढ़ी
बोल्ड आउटलुक
एक्सपोज
पुराने रंग पनसोखे के
रिफ्यूज
नया रेनबो कलर
फन फेयर में इंट्रोड¬ूस

कानों पर जूतों की परेड
खुली आंखों में परीलोक स्वप्नदेश
सूचनाओं की थैली
मगजी गुद्दे के भाव
थोक में जख्मों की सूचना
खुदरे में सूचनाओं के घाव
धन्य संस्कृति
श्रीफल में भरे सोडे से
सेलेबल फैशनेबल
रचना क्रांति से

ह्मदय ग्राम से मानस बीच
प्रतिक्षण टेलीकॉम सेवा
आर्डिनरी एक्सप्रेस
खगोलीय अनुशासन
भूगोलीय जीवन का
रोने से पहले गुंबद का झंडा झुकेगा
हंसेंगे आप तो
संग्रहालय का चीफ दौड़ेगा

शब्दों के पन्ने
संवादों की नत्थी से
पाखी के पंख की तरह
तोड़ लिए जाएं
शोर नारा मुराद
कविता मुर्दाबाद
कविता मुर्दाबाद
अचानक फिर चीख
अट्टहास
एक पागल प्रलाप
इन सबके बाद
फिर भी शेष
उसकी दुविधा
उसकी बात
जन्मजात

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