पुरबिया
भदेस संवेदना का अक्षर स्पंदन
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मंगलवार, 17 अगस्त 2010
महिमा छिनाल की
छोरी नए यार की निगोरी फिलिम प्यार की।
कुकुर से छूटकर वह हो गई सियार की।।
धनिए की बेटी ने चुम्मी ली सोनार की।
गाओ खूब विभूति भाई महिमा छिनाल की ।।
2 टिप्पणियां:
VINEETA PRAKASH
20 सितंबर 2010 को 2:46 pm बजे
kya--kya likhta ha Golu mera...!!!
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Pt. D.K. Sharma "Vatsa"
1 अक्तूबर 2010 को 7:53 pm बजे
महिमा छिनार की :)
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kya--kya likhta ha Golu mera...!!!
जवाब देंहटाएंमहिमा छिनार की :)
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